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पुखराज के साथ कौन-कौन से रत्न पहन सकते हैं और उनके लाभ

भारतीय वैदिक ज्योतिष में रत्नों का बहुत गहरा महत्व है। माना जाता है कि हर ग्रह की ऊर्जा हमारे जीवन को प्रभावित करती है, और उसी ग्रह के रत्न को पहनने से हम उस ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम कर सकते हैं और शुभ प्रभाव को बढ़ा सकते हैं।

पुखराज रत्न (Yellow Sapphire) बृहस्पति ग्रह से जुड़ा हुआ है, जो ज्ञान, समृद्धि, संतान सुख, वैवाहिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।

लेकिन क्या सिर्फ पुखराज ही पहनना काफी है? ज्योतिष में कुछ स्थितियों में पुखराज के साथ दूसरे रत्न भी पहनने की सलाह दी जाती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे:

  • पुखराज के साथ कौन-कौन से रत्न पहन सकते हैं?
  • किनका संयोजन विशेष लाभ देता है?
  • कब और क्यों साथ पहनें?
  • और यह भी कि पुखराज किन रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए।

क्या पुखराज और माणिक एक साथ पहन सकते हैं?

जी हाँ! पुखराज (Yellow Sapphire) बृहस्पति ग्रह का रत्न है, जबकि माणिक (manik stone) सूर्य का रत्न है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति और सूर्य आपस में मित्र ग्रह हैं। इसलिए पुखराज और माणिक एक साथ पहनना आमतौर पर शुभ माना जाता है।

पुखराज और माणिक एक साथ पहनने के लाभ:

  • नेतृत्व क्षमता और आत्मविश्वास में वृद्धि
  • समाज और कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान बढ़ता है
  • सरकारी नौकरी, प्रशासनिक सेवाओं, राजनीति या शिक्षा क्षेत्र में सफलता
  • पिता और गुरु से संबंध प्रगाढ़ होते हैं
  • व्यक्तित्व में तेज और करिश्मा आता है

नोट: यह संयोजन तब असरदार होता है जब कुंडली में सूर्य और बृहस्पति दोनों ही शुभ स्थिति में हों।

क्या पुखराज और मूंगा एक साथ पहन सकते हैं?

पुखराज बृहस्पति का और मूंगा (Coral) मंगल ग्रह का रत्न है। मंगल और गुरु का संबंध ज्योतिष में मिश्रित माना जाता है – कभी मित्रता, कभी तटस्थ। लेकिन कुछ खास योगों में, जैसे गुरु-मंगल का शुभ दृष्टि संबंध या युति हो, तो पुखराज और मूंगा का संयोजन बहुत लाभकारी हो सकता है।

पुखराज और मूंगा एक साथ पहनने के लाभ:

  • साहस और आत्मबल में बढ़ोतरी
  • निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व शक्ति बढ़ती है
  • संतान सुख में मदद मिलती है
  • मानसिक और शारीरिक शक्ति में सुधार
  • जीवन में स्थिरता और सफलता के रास्ते खुलते हैं

खासकर जो लोग व्यापार, सेना, पुलिस या खेल से जुड़े हों, उनके लिए यह संयोजन लाभकारी हो सकता है।

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क्या पुखराज और पन्ना एक साथ पहन सकते हैं?

पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न है, जबकि पन्ना (Panna) बुध ग्रह का रत्न है। गुरु और बुध के रिश्ते ज्योतिष में तटस्थ माने जाते हैं। इसलिए सभी के लिए पुखराज और पन्ना साथ पहनना उचित नहीं होता, पर कुछ विशेष स्थितियों में यह लाभकारी हो सकता है।

पुखराज और पन्ना एक साथ पहनने के लाभ:

  • बुद्धिमत्ता और तर्कशक्ति में वृद्धि
  • शिक्षा, लेखन और वक्तृत्व कला में लाभकारी
  • वाणी दोष में राहत
  • गले और नर्वस सिस्टम की समस्याओं में सुधार
  • व्यापार में संवाद कुशलता बढ़ाता है

जब कुंडली में बुध और बृहस्पति दोनों शुभ भाव में हों या विशेष योग बने हों, तब यह संयोजन और भी असरकारी होता है।

क्या नीलम और पुखराज एक साथ पहन सकते हैं?

नीलम (Blue Sapphire) शनि ग्रह का रत्न है, और पुखराज बृहस्पति का। शनि और गुरु तटस्थ ग्रह हैं, पर उनके कार्यक्षेत्र अलग-अलग हैं। पुखराज ज्ञान और शुभता देता है, वहीं नीलम कर्म, अनुशासन और स्थिरता।

इन दोनों को एक साथ सिर्फ खास कुंडली स्थितियों में ही पहनना चाहिए, जैसे जब शनि और गुरु दोनों ही बलवान हों।

नीलम और पुखराज एक साथ पहनने के लाभ:

  • करियर में दीर्घकालिक स्थिरता
  • अनुशासन और निर्णय क्षमता में वृद्धि
  • आध्यात्मिक प्रगति में सहयोग
  • व्यापार और शिक्षा दोनों में संतुलन
  • न्यायप्रिय दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वाह

नोट: बिना कुंडली देखे यह संयोजन नुकसान भी पहुँचा सकता है।

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क्या पुखराज और मोती एक साथ पहन सकते हैं?

पुखराज बृहस्पति का और मोती (Pearl) चंद्रमा का रत्न है। गुरु और चंद्रमा मित्र ग्रह हैं, इसलिए यह संयोजन बहुत शुभ माना जाता है।

पुखराज और मोती एक साथ पहनने के लाभ:

  • मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता
  • पारिवारिक सुख और संतुलन
  • ध्यान, योग और साधना में मदद
  • विद्यार्थियों और महिलाओं के लिए खास लाभकारी
  • मन को सकारात्मक बनाता है

पुखराज, मूंगा, मोती – तीनों एक साथ पहनने के लाभ

कुछ विशेष स्थितियों में पुखराज, मूंगा और मोती को एक साथ भी पहना जाता है।

  • आत्मविश्वास, शांति और निर्णय क्षमता में वृद्धि
  • शादी, करियर और संतान संबंधी बाधाओं को कम करता है
  • मानसिक और शारीरिक शक्ति का बेहतर संतुलन
  • पारिवारिक सुख और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि

नोट: इसे सिर्फ योग्य ज्योतिषी की सलाह पर ही पहनें।

पुखराज के साथ रत्न पहनने से पहले ध्यान रखें

  • जन्म कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिषी को अवश्य दिखाएँ।
  • केवल असली और लैब सर्टिफाइड रत्न ही पहनें।
  • सही धातु, उंगली और समय का ध्यान रखें।
  • पहनने का शुभ मुहूर्त जैसे गुरुवार के दिन, शुक्ल पक्ष में चुनें।
  • रत्न का वजन (कैरेट) भी व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार हो।

निष्कर्ष

पुखराज के साथ अन्य रत्नों का संयोजन जीवन में धन, करियर, शिक्षा, मानसिक शांति और आत्मविश्वास जैसी अनेक खुशियाँ ला सकता है। लेकिन यह सब हर व्यक्ति की कुंडली के अनुसार अलग-अलग होता है। बिना ज्योतिषीय परामर्श के पहने रत्न लाभ की जगह नुकसान भी पहुँचा सकते हैं।

इसलिए हमेशा योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह से ही पुखराज के साथ अन्य रत्न पहनें, ताकि जीवन में सुख, समृद्धि और शुभता का संचार हो सके।

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